कर प्रशासन के उद्देश्य से आयकर विभाग को 19 भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। उन्नीस क्षेत्रों में से प्रत्येक का नेतृत्व प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाता है।
दिल्ली क्षेत्र में नौ क्षेत्रीय मुख्य आयकर आयुक्त, एक मुख्य आयकर आयुक्त (केंद्रीय), एक मुख्य आयकर आयुक्त (टीडीएस) और एक आयकर महानिदेशक (अन्वेषण) हैं। इनके अलावा, प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (आई टी और टीपी) और प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (छूट) भी प्रशासनिक और कैडर नियंत्रण उद्देश्यों के लिए दिल्ली क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
इन मुख्य आयकर आयुक्तों के अलावा जिनका दिल्ली क्षेत्र में क्षेत्राधिकार है, कई आयकर निदेशालय हैं जो दिल्ली क्षेत्र में आते हैं लेकिन उनके विशेष कार्य हैं जो पूरे आयकर विभाग के समग्र कामकाज को सभी 19 क्षेत्रों में देखते हैं। ये निदेशालय प्रधान आयकर महानिदेशक (प्रशासन और टीपीएस) , प्रधान आयकर महानिदेशक (मानव संसाधन विकास), प्रधान आयकर महानिदेशक (लॉजिस्टिक्स), प्रधान आयकर महानिदेशक (विधि व अनुसंधान), प्रधान आयकर महानिदेशक (पद्धति), प्रधान आयकर महानिदेशक (सतर्कता), आयकर महानिदेशक (जोखिम निर्धारण) और आयकर महानिदेशक (आसूचना और आपराधिक अन्वेषण) हैं।
क्षेत्राधिकारीय मुख्य आयकर आयुक्त आयुक्तों को कई प्रधान आयकर आयुक्त/ आयकर आयुक्तों (प्रशासनिक और अपीलीय दोनों), अपर/ संयुक्त आयकर आयुक्तों और निर्धारण अधिकारियों का सहयोग प्राप्त होता है। ये सभी कार्यालय न केवल बजट संग्रहण बल्कि संचालन प्रबंधन के अन्य पहलुओं से भी जुड़े हुए हैं।
प्रधान आयकर आयुक्त का क्षेत्राधिकार मोटे तौर पर कॉरपोरेट और गैर-कॉरपोरेट प्रभार में विभाजित किया गया है। कॉरपोरेट और गैर-कॉरपोरेट निर्धारितियों में व्यापक वर्गीकरण के अलावा, कुछ प्रभारों को विभिन्न ट्रेडों/ व्यवसायों के व्यक्तियों क्रमश: डॉक्टर, वकील, व्यवसायी, ठेकेदार, तलाशी मामले (केंद्रीय प्रभार), टीडीएस (टीडीएस प्रभार) एवं ट्रस्ट इत्यादि के संबंध में विशेष क्षेत्राधिकार सौंपा गया है। प्रत्येक प्रशासनिक प्रधान आयकर आयुक्त, जो एक गैर-कॉरपोरेट प्रभार का प्रमुख होता है, को दिल्ली के पूर्णत: स्पष्ट निकटवर्ती क्षेत्र का अधिकार क्षेत्र सौंपा गया है। प्रधान आयकर आयुक्त जो कॉरपोरेट प्रभार का प्रमुख होता हैं, को कॉरपोरेट कंपनी के नामों के शुरुआती अक्षरों के आधार पर अधिकार क्षेत्र सौंपा गया है।
प्रधान आयकर आयुक्त- 1 से 9 प्रभार के अधिकार क्षेत्र में कॉरपोरेट मामलें हैं, जबकि प्रधान आयकर आयुक्त- 10 से 21 प्रभार के अधिकार क्षेत्र में गैर-कॉरपोरेट कारोबार के मामलें है। प्रधान आयकर आयुक्त- 22 से 24 के अधिकार क्षेत्र में वेतन मामलें है। प्रधान आयकर आयुक्त, केंद्रीय- 1 से 3 के अधिकार क्षेत्र में वे निर्धारिती हैं जिन पर तलाशी/सर्वेक्षण कार्यवाही की गई है और उक्त मामलों के साथ सभी संबन्धित मामलों को केंद्रीकृत किया गया है। आयकर आयुक्त (टीडीएस) 1 और 2 टैक्स रोकने संबंधी मामलों को देखते हैं। आयकर आयुक्त (अंतर्राष्ट्रीय कराधान एवं ट्रांसफर प्राइसिंग) के अधिकार क्षेत्र में दिल्ली के सभी अनिवासी और घरेलू कंपनियों हैं जिनमे ट्रांसफर प्राइसिंग के मुद्दे हैं। जुरिसडीकशन (jurisdiction) टैब में विस्तृत क्षेत्राधिकार चार्ट पाया जा सकता है।